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स्वाद व स्वास्थय का अनोखा कांबिनेशन है सच ऐलोवेरा सॉफ्ट ड्रिंक

22 मार्च 2010
सिरसा। गर्मी का मौसम आ चुका है, और लोगों ने गर्मी से राहत पाने के लिए ठंडे पेय पदार्थों का सेवन शुरु कर दिया है। वहीं उत्तर भारत में एक नए ठंडे पेय ने दस्तक दे दी है जी हां एलोवेरा ड्रिंक । अनेक अद्भुत एवं मानवीय कार्यों के लिए विश्व प्रसिद्ध डेरा सच्चा सौदा में स्थित सच हर्बोटेक ने इस महा औषध एलोवेरा के कसैले स्वाद पर न केवल विजय प्राप्त की है बल्कि इसे बेहद लजीज साफ्ट ड्रिंक के रूप में तैयार करके इसके चाहवानों के लिए एक अनमोल उपहार दिया है। यह साफ्ट ड्रिंक में बाजार में पहले से मौजूद अनेक हानिकारक साफ्ट ड्रिंक का बेहतर विकल्प साबित हो रहा है। इस बारे में सच हर्बोटेक के प्रबंधक कृष्ण नैन इन्सां का कहना है कि हमने कोई जादू नहीं किया है, यह तो सिर्फ मिलावट एवं खतरनाक कैमिकलों से युक्त बाजार में मौजूद खाद्य पदार्थों के बीच लोगों के लिए कुछ अच्छा देने का प्रयास भर है। उल्लेखनीय है कि चार वर्षों पहले डेरा सच्चा सौदा में शुरू की गई ऐलोवेरा की खेती का क्षेत्रफल बढ़ता ही जा रहा है। अपने दुर्लभ औषधि गुणों के कारण ऐलोवेरा यानि ग्वारपाठा आज सारी दुनिया में अच्छे स्वास्थ्य के लिए पोषण पूरक आहार के तौर पर जाना जाता है। शरीर में कोशिकाओं के निर्माण के लिए 22 में से 18 अमीनो एसिड्स, 12 विटामिन्स और 20 खनिजों समेत इसके अनेक चमत्कारी गुणों के कारण पूरी दुनिया में बहुतायत में लोग इसका सेवन कर रहे हैं। लेकिन बहुत लोग ऐसे हैं जो इसका सेवन तो करना चाहते हैं परंतु इसके कड़वे -कसैले स्वाद के कारण चाह कर भी इसका पान नहीं कर पाते। एक तो ऐलोवेरा के दुर्लभ औषधीय गुण दूसरा कीटनाशक एवं रासायनिक खादों के प्रयोग के बिना डेरा सच्चा सौदा के सर्टिफाइड ऑर्गेनिक फार्म में उगाना सच हर्बाेटेक के एलोवेरा उत्पादों को विश्व में सर्वश्रेष्ठ बना देता है। डेरा सच्चा सौदा के कृषि फार्म को अमेरिका की वनसर्ट संस्था द्वारा 100 प्रतिशत ऑर्गेनिक का दर्जा प्राप्त है। तुलनात्मक अध्ययन को सामने रखते हुए श्री इन्सां गर्व से बताते हैं कि दुनिया में श्रेष्ठ माने जाने वाली कंपनियों द्वारा बनाए गए उत्पाद में मौजूद टोटल सोलिड्स से ज्यादा मात्रा उनके उत्पाद में है। खास बात यह भी है यहां कोल्ड प्रोसेस तकनीक द्वारा सभी उत्पाद तैयार किये जाते हैं जिस कारण उसके सभी पोषक तत्व सुरक्षित रहते हैं। गौरतलब है कि हाल ही में मुम्बई के वल्र्ड ट्रेड सेंटर में आयोजित हुई नेचुरल उत्पादों की एग्जीबिशन पेनीसिया 2010, जिसमें विश्व की यूएसए, कनाडा, ब्रिटेन समेत 41 देशों ने भाग लिया था, में भी सच हर्बाेटेक को प्रथम पुरस्कार मिला था।
फार्मिंग पर निर्भर करती है, एलोवेरा जूस की गुणवत्ता: सच हर्बोटेक के प्रबंधक श्री इन्सां ने बताया कि एलोवेरा के पौधे को उगाने के ढंग पर उसके पोषक तत्वों की मौजूदगी निर्भर करती है। यदि सामान्य रूप से कीटनाशक एवं रासायनिक खादों का इस्तेमाल कर एलोवेरा को उगाया जाए तो इसकी पैदावार तो अधिक होती है लेकिन अनेक हैवीमेटल्स एवं विषैले तत्व इसके पौधे में पहुंच जाते हैं, जो इसके गुणों को प्रभावित कर देते हैं। उन्होंने बताया कि ऑर्गेनिक विधि से उगाने से इसकी पैदावार कम होती है, परंतु इससे प्राप्त उत्पादों में टॉक्सिक तत्व नहीं होते और यह पूरक पोषण आहार ही नहीं बल्कि अमृत तुल्य औषधि का काम करता है।
प्रकृति की अनुपम भेंट: एलोवेरा मानवता के लिए प्रकृति की अनुपम भेंट है। इसे ग्वार पाठा, घी, घृतकुमारी, कुमारी, मुसव्वर, केतकी इत्यादि अनेक नामों से जाना जाता है। इस अत्यंत गुणकारी पौधे का वर्णन पुराणों, महाभारत, वेदों सहित अनेक आदि ग्रंथों में किया गया है। आयुर्वेद में तो इसे जड़ी बूटियों का महाराजा कहा गया है। एलोवेरा की तीन सौ से अधिक नस्लें हैं। जिनमें सर्वश्रेष्ठ नस्ल बारबाडेंसिस का प्रयोग जूस, जैल एवं औषधियों में किया जाता है।

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