महिला आरक्षण बिल दो दशकों से लटकाया जा रहा है:शंकुतला
06 मार्च 2010
हिसार। अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति 33 प्रतिशत की आरक्षण की मांग को दो दशको से लागू करवाने का भरसक प्रयास कर रही हैं, 8 मार्च अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस भी हैं। 8 मार्च 1910 को महिलाओ को वोट व समानता का अधिकार मिला था। इस दिन को महिलाएँ अपने वंचित अधिकारों व बराबरी की मांग को लेकर गौरव पूर्ण ऐतिहासिक दिन बनाती हैं। महिलाएँ अपने अधिकारो की खुशी का इजहार करती है व भविष्य में गैर बराबरी, असमानता के खिलाफ लडऩे का आहवान करती है। महिला आरक्षण बिल को दो दशकों से लटकाया जा रहा है। 2009 के चुनाव उपरांत संसद के प्रथम अधिवेशन पर राष्ट्रपति द्वारा अभिभाषण में 100 दिन के समय के अन्दर आरक्षण बिल को पास करने का आश्वासन दिया गया। दुर्भाग्य की बात है कि यह बिल अभी तक पास नहीं हुआ। वर्तमान में हरियाणा विधानसभा में 90 सीटों में से 9 व संसद में 543 में से 59 महिलाओं की भागीदारी है, जो कि नाम मात्र है। समानता के लिए महिलाओं की राजनीति में भागीदारी जरूरी हैं और इसलिए यह आरक्षण बिल महिलाओं की सख्त जरूरत है। इस बिल के पास होने पर अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति इसे खुशी और उल्लाहास से मनायेगीं। अगर यह बिल पास नहीं होता तो महिलायें प्रर्दशन कर अपना रोष व्यक्त करेंगीं। 8 मार्च को महिलाएँ क्रांतिमान पार्क पर इक्कठा होकर उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को ज्ञापन देंगी।
हिसार। अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति 33 प्रतिशत की आरक्षण की मांग को दो दशको से लागू करवाने का भरसक प्रयास कर रही हैं, 8 मार्च अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस भी हैं। 8 मार्च 1910 को महिलाओ को वोट व समानता का अधिकार मिला था। इस दिन को महिलाएँ अपने वंचित अधिकारों व बराबरी की मांग को लेकर गौरव पूर्ण ऐतिहासिक दिन बनाती हैं। महिलाएँ अपने अधिकारो की खुशी का इजहार करती है व भविष्य में गैर बराबरी, असमानता के खिलाफ लडऩे का आहवान करती है। महिला आरक्षण बिल को दो दशकों से लटकाया जा रहा है। 2009 के चुनाव उपरांत संसद के प्रथम अधिवेशन पर राष्ट्रपति द्वारा अभिभाषण में 100 दिन के समय के अन्दर आरक्षण बिल को पास करने का आश्वासन दिया गया। दुर्भाग्य की बात है कि यह बिल अभी तक पास नहीं हुआ। वर्तमान में हरियाणा विधानसभा में 90 सीटों में से 9 व संसद में 543 में से 59 महिलाओं की भागीदारी है, जो कि नाम मात्र है। समानता के लिए महिलाओं की राजनीति में भागीदारी जरूरी हैं और इसलिए यह आरक्षण बिल महिलाओं की सख्त जरूरत है। इस बिल के पास होने पर अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति इसे खुशी और उल्लाहास से मनायेगीं। अगर यह बिल पास नहीं होता तो महिलायें प्रर्दशन कर अपना रोष व्यक्त करेंगीं। 8 मार्च को महिलाएँ क्रांतिमान पार्क पर इक्कठा होकर उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री को ज्ञापन देंगी।