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धर्म प्रेमियों ने हर्षोल्लास से सुनी कथा

07 मार्च 2010

सिरसा(अमित सोनी) बाल रसिक संघ द्वारा अनाज मंडी में आयोजित की जा रही श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिन भी श्रद्धालुओं ने पूरे उत्साह और हर्षाउल्लास के साथ कथा श्रवण की वहीं झांकियों ने भी मन मोह लिया। अपनी वाणी से सविस्तार व्याख्यान देते हुए कथाव्यास गौरव कृष्ण गोस्वामी ने कहा कि व्यक्ति चाहे जिस समाज में, परिवार में, व्यवस्था एवं जिस अवस्था में खड़ा हो वहां से वह परमात्मा की ओर चल पड़े तो तत्क्षण उसकी दशा पूर्ण रूप से अनुकूल हो जाती है। चाहे मानव कितना भी संकट से संघर्ष क्यों न कर रहा हो उसका संकट क्षणमात्र में दूर हो जाता है। दूसरी तरफ संसार के सुख-सौंदर्य के संसाधनों से ओत-प्रोत व वैभवपूर्ण व्यक्ति यदि परमात्मा की दिशा के विपरीत हो जाता है तो वह शीघ्र ही श्रीहीन होकर अतिशय पीड़ा को प्राप्त करता है। कथाक्रम में भक्त प्रहलाद के चरित्र पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए आचार्यश्री ने कहा कि प्रहलाद प्रथम तो अबोध अवस्था में थे। दूसरे दैत्य वंश में जन्म लिया था परंतु परमात्मा के स्मरण में सदा-सर्वदा लीन रहने के कारण पिता हरिण्यकश्यपु द्वारा प्रदत्त कष्टों का उन्हें आभास मात्र भी नहीं हुआ। बल्कि प्रभु परमात्मा ने स्वयं प्रकट होकर भक्त प्रहलाद को अपनी गोद में बिठाया और अपना उत्तराधिकारी बनाया। कथा का द्रवित पहलू श्रोताओं के हृदय को उस समय छू गया जब आचार्य जी ने मीरा की भक्ति प्र्रसंग सुनाया। भक्ति मार्ग में उच्च जाति, दंभ, महत्वाकांक्षा, रूप, यौवन ये पांच कंटक हैं। आचार्य जी ने जब मीरा जी का गीत गुनगुनाया, माई री म्हानै परण्यो दीनानाथ... पर श्रद्धालुओं की आंखें सजय हो उठी। कथा को आगे बढ़ाते हुए आचार्य श्री गौरव गोस्वामी ने दक्ष प्रजापति के यज्ञ में भगवान शिव को स्थान न देना, सती का देह त्याग व भोलेनाथ के गणों द्वारा यज्ञ विध्वंस करने के प्रसंगों पर चर्चा की। जब आचार्यश्री ने अपने मुखारविंद से भगवान भोले नाथ का भजन, जटा में तेरी गंग विराजे, गले सर्प की माला... पर उपस्थित श्रद्धालु मस्ती में झूमने लगे। तत्पश्चात पृथ्वी का ब्रह्मा जी के साथ बैकुण्ठ धाम जाना, भगवान का अवतार लेने का वरदान देना व भगवान का देवकी के गर्भ से प्रकट होने के प्रसंग सुनाए गए। कथा के दौरान विशेष महोत्सव के रूप में श्रीकृष्ण जन्म नंदोत्सव विशेष धूमधाम के साथ मनाया गया। संपूर्ण श्रोतागण पीले एवं केसरिया परिधान धारण कर गोपी और ग्वाल बाल के वेष में विराजमान थे वहीं कृष्ण जन्म पर कलाकारों द्वारा सुंदर झांकियां भी प्रस्तुत की गई। गोपियों ने भी नाच-गाकर कृष्ण जन्म की खुशी व्यक्त की। संपूर्ण कथास्थल को गोकुल की तरह सजाया गया था। हजारों की संख्या में उपस्थित श्रोतागण नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की... गुनगुना रहे थे। सभी ने बधाई प्रसाद प्राप्त किया। कथा महोत्सव के पश्चात प्रसिद्ध भजन गायक भैया कृष्ण भुटानी ने भजन संध्या में श्याम प्रभु के सुंदर भजनों का गुणगान किया। यह भजन संध्या अद्र्धरात्रि तक चलती रही। कथा महोत्सव में मुख्य यजमान के रूप में मा. रोशन लाल गोयल, विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला कांग्रेस अध्यक्ष होशियारी लाल शर्मा, गोविंद कांडा, वीरभान मेहता, हीरालाल शर्मा, रामअवतार हिसारिया, संजीव जैन आदि मौजूद थे।

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