श्री रामनवमी महोत्सव का शुभारंभ
17 मार्च 2010
हिसार। श्री रामलीला कमेटी कटला हिसार द्वारा कल दोपहर बाद झूथरा धर्मशाला में श्री राम नवमी महोत्सव का शुभारंभ किया गया। संगीतमयी सुंदर पाठ श्रीरामयणी प्रचारिणी सभा द्वारा किया गया। श्रीरामकथा का प्रारंभ वृंदावन से पधारे संत श्री प्रीतमदास रामायणी द्वारा किया गया। संत प्रीतम दास ने रामचरितमानस पर बोलते हुए कहा कि स्वामी तुलसीदास ने जब भगवान राम के चरित्र का ग्रंथ लिखने पर विचार किया तो इस ग्रंथ का नाम रखा श्रीरामचरित्मानस। स्वामी जी ने बताया कि सीता जी लक्ष्मी जी का स्वरूप हैं तथा राम में राम की सारी लीला स्वयं में निहित है। रामचरित में लक्ष्मण की झांकी है। लक्ष्मण अपने आप में चरित्र हैं, जो पूरी रामायण में अपना एक अलग भक्ति का चरित्र हैं। मानस हम सब आप हैं, जो कि इस मानव जन्म में अपने मानस विवेक से राम का चरित्र अपने ह्रदय व जीवन में धारण करते हैं। रामचरितमानस में सभी वेदों व सभी ग्रंथों का सार है, जिसे जीवन में हम सबके चरित्र को धारण करना है। श्रीराम चरित्र अनुसरणीय है। इस अवसर पर समाजसेवी दीपचंद राजलीवाला, कृष्ण गोरखपुरिया, डा. वी.के. गुप्ता, ललिता राजवंशी, सुदर्शन के अलावा रामलीला कमेटी के प्रधान विनोद गुप्ता, कैशियर संत बिंदल व महामंत्री सजन गुप्ता ने माल्यार्पण कर स्वामी जी का अभिनंदन किया। बजरंग सिंगल, अश्वनी शर्मा, राजेश शर्मा, शंकर जैन, वीरभान बंसल, चुनीलाल बंसल, विनोद जिंदल ने भी स्वामी जी का माल्यार्पण कर अभिंनदन किया।
हिसार। श्री रामलीला कमेटी कटला हिसार द्वारा कल दोपहर बाद झूथरा धर्मशाला में श्री राम नवमी महोत्सव का शुभारंभ किया गया। संगीतमयी सुंदर पाठ श्रीरामयणी प्रचारिणी सभा द्वारा किया गया। श्रीरामकथा का प्रारंभ वृंदावन से पधारे संत श्री प्रीतमदास रामायणी द्वारा किया गया। संत प्रीतम दास ने रामचरितमानस पर बोलते हुए कहा कि स्वामी तुलसीदास ने जब भगवान राम के चरित्र का ग्रंथ लिखने पर विचार किया तो इस ग्रंथ का नाम रखा श्रीरामचरित्मानस। स्वामी जी ने बताया कि सीता जी लक्ष्मी जी का स्वरूप हैं तथा राम में राम की सारी लीला स्वयं में निहित है। रामचरित में लक्ष्मण की झांकी है। लक्ष्मण अपने आप में चरित्र हैं, जो पूरी रामायण में अपना एक अलग भक्ति का चरित्र हैं। मानस हम सब आप हैं, जो कि इस मानव जन्म में अपने मानस विवेक से राम का चरित्र अपने ह्रदय व जीवन में धारण करते हैं। रामचरितमानस में सभी वेदों व सभी ग्रंथों का सार है, जिसे जीवन में हम सबके चरित्र को धारण करना है। श्रीराम चरित्र अनुसरणीय है। इस अवसर पर समाजसेवी दीपचंद राजलीवाला, कृष्ण गोरखपुरिया, डा. वी.के. गुप्ता, ललिता राजवंशी, सुदर्शन के अलावा रामलीला कमेटी के प्रधान विनोद गुप्ता, कैशियर संत बिंदल व महामंत्री सजन गुप्ता ने माल्यार्पण कर स्वामी जी का अभिनंदन किया। बजरंग सिंगल, अश्वनी शर्मा, राजेश शर्मा, शंकर जैन, वीरभान बंसल, चुनीलाल बंसल, विनोद जिंदल ने भी स्वामी जी का माल्यार्पण कर अभिंनदन किया।