नारी परीक्षण शिविर 28 को
25 अप्रैल 2010
सिरसा(न्यूजप्लॅस) आर्ट ऑफ लिविंग के माध्यम से जीवन जीने की कला सीखने वाले श्री श्रीरविशंकर जी के सान्निध्य में रहकर नाड़ी परीक्षण करने वाले वैद्य संतोष कुमार आगामी 28 अप्रैल को सिरसा के परशुराम चौक पर सुविख्यात पं। चुन्नी लाल हलवाई की दुकान पर क्षेत्र के मरीजों की सेवा करेंगे। इस प्रतिष्ठान के संचालक विनय शर्मा ने बताया कि देशभर में समय-समय पर आयोजित होने वाले इस प्रकार के नाड़ी परीक्षण शिविरों में सिरसा को यह पहली बार अवसर मिल रहा है और इस बार से इसे मासिक रूप देने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि हजारों हजार लोग सिरसा जिले व आसपास के पंजाब व राजस्थान क्षेत्रों से लम्बी तय करके इस प्रकार के नाड़ी परीक्षण शिविरों में जाकर स्वास्थ्य सेवाएं ले रहे हैं। इन लोगों को यह सुविधा अब सिरसा शहर में भी उपलब्ध हो रही है। उन्होंने बताया कि सूक्ष्म से व्यापक रोग जीवन शैली से जुड़े परामर्श के आधार पर ठीक किए जाते हैं और सम्पूर्ण रोग निवारण की चिकित्सा पद्धति को जीवनशैली से जोड़कर बताया जाता है। उन्होंने बताया कि जो लोग नाड़ी परीक्षण करवाकर अपना रोग जानने और उपचार लेने के इच्छुक हैं वे 28 अप्रैल को प्रात: 8 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक इस प्रतिष्ठान पर सम्पर्क कर सकते हैं। नाड़ी देखने से पहले मरीज का खाली पेट होना जरूरी है अथवा देरी आने वाले मरीजों के लिए तीन घंटे पहले तक खाली पेट होना जरूरी बताया गया है।
सिरसा(न्यूजप्लॅस) आर्ट ऑफ लिविंग के माध्यम से जीवन जीने की कला सीखने वाले श्री श्रीरविशंकर जी के सान्निध्य में रहकर नाड़ी परीक्षण करने वाले वैद्य संतोष कुमार आगामी 28 अप्रैल को सिरसा के परशुराम चौक पर सुविख्यात पं। चुन्नी लाल हलवाई की दुकान पर क्षेत्र के मरीजों की सेवा करेंगे। इस प्रतिष्ठान के संचालक विनय शर्मा ने बताया कि देशभर में समय-समय पर आयोजित होने वाले इस प्रकार के नाड़ी परीक्षण शिविरों में सिरसा को यह पहली बार अवसर मिल रहा है और इस बार से इसे मासिक रूप देने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि हजारों हजार लोग सिरसा जिले व आसपास के पंजाब व राजस्थान क्षेत्रों से लम्बी तय करके इस प्रकार के नाड़ी परीक्षण शिविरों में जाकर स्वास्थ्य सेवाएं ले रहे हैं। इन लोगों को यह सुविधा अब सिरसा शहर में भी उपलब्ध हो रही है। उन्होंने बताया कि सूक्ष्म से व्यापक रोग जीवन शैली से जुड़े परामर्श के आधार पर ठीक किए जाते हैं और सम्पूर्ण रोग निवारण की चिकित्सा पद्धति को जीवनशैली से जोड़कर बताया जाता है। उन्होंने बताया कि जो लोग नाड़ी परीक्षण करवाकर अपना रोग जानने और उपचार लेने के इच्छुक हैं वे 28 अप्रैल को प्रात: 8 बजे से लेकर दोपहर 3 बजे तक इस प्रतिष्ठान पर सम्पर्क कर सकते हैं। नाड़ी देखने से पहले मरीज का खाली पेट होना जरूरी है अथवा देरी आने वाले मरीजों के लिए तीन घंटे पहले तक खाली पेट होना जरूरी बताया गया है।